बोलती गुफा – शेर और लोमड़ी की कहानी | the lion and fox story in hindi
बहुत समय पहले की बात है। बहुत बड़ा जंगल था। जंगल में एक शेर रहता था। शेर की उम्र काफी हो चुकी थी। जिसे वह बहुत ही वृद्ध हो चुका था। एक समय जंगल का राजा था। वृद्ध होने की वजह से शेर को जंगल का राजा रहने का मौका ही नहीं मिला।उसकी जगह एक शक्तिवान शेरने ले ली थी।
वृद्ध शेर खुराक की खोज में जंगल में इधर-उधर भटक रहा था। मगर कोई भी शिकार नहीं मिल रहा था क्योंकि उम्र ज्यादा होने के कारण शेर शिकार नहीं कर पा रहा था।
![शेर और लोमड़ी की कहानी | the lion and fox story in hindi](https://hindiveryshortstory.com/wp-content/uploads/2023/12/भाषा-बदलें-3-1024x576.jpg)
कई बार इसी वजह से शहर को भूखा भी रहना पड़ता था। एक दिन की बात है वृद्ध शेर भटकते भटकते दूसरे ही रास्ते पर चला गया और एक गुफा के पास आ गया। शेर ने अंदर देखा तो गुफा में कोई नहीं था। शेर ने सूंघ कर भी देखा मगर पता चला की गुफा में कोई प्राणी रह रहा है।
शेर को पता था कि जो भी प्राणी रहता है वह गुफा में तो लौट कर आएगा ही। शेर ने तब अपने होंठ पर जीव लगाई क्यो की उसे खाने का बहुत मन हो रहा था। शेरने सोचा कि यह गुफा में तो मुझे कुछ खाने को तो मिलेगा ही। मैं इस गुफा में कहीं छुप कर रहता हूं। जैसे ही गुफा में प्राणी वापस आएगा उसको मैं तुरंत ही खा जाऊंगा।
लोमड़ी की चालाकी:
ऐसा सोचकर शेर गुफा में एक अच्छि सी जगह छुप जाता है। जहां से उसने देखा की दोपहर में गुफा में रहने वाला प्राणी वापस आया। वह एक लोमड़ी थी। जब लोमड़ी गुफा के दरवाजे पर पहुंची उसने देखा कि कोई बड़े प्राणी के पंजे का निशान था।
लोमड़ी ने देखा की पंजे का निशान गुफा की अंदर जाते तो दिख रहे हैं मगर बाहर आते हुए नहीं दिखाई दे रहे।इसका अर्थ यह हो होगा कि अभी वह बड़ा सा प्राणी गुफा के अंदर ही है। तब लोमड़ी के दिमाग में एक बात आई।
लोमड़ी जोर-जोर से चिल्लाने लगी, “अरे! मेरी गुफा” ,”मेरी प्यारी गुफा”” मेरे साथ बात तो कर”।
जब गुफा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो
लोमड़ी ने फिर से बड़ी आवाज में कहा” तुम क्यों चुप हो ?”गुफा तुमने मुझे वचन दिया है जब मैं घर पर आऊंगा तब तुम मुझसे बात करोगी” उसके बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो लोमड़ी ने कहा ,”ठीक है अगर तुम मुझसे बात नहीं करोगी तो मैं कोई दूसरी गुफा में चला जाऊंगा”।
लोमड़ी इतना कहकर चुप हो जाती है और ऐसी आवाज की जैसे वह वहां से चली जा रही है। शेर ने सब कुछ सुना और शेर ने सोचा,” गुफा चुप क्यों है?”,” क्यों कुछ नहीं बोल रही?” इसका कारण कहीं मैं तो नहीं? शेर सोचता है की मैं यहां हूं यह बात गुफा को पता चल गई लगती है जिसके कारण गुफा कुछ नहीं बोल रही हो।
जो मैं लोमड़ी से बात करूंगा तो लोमड़ी गुफा में आएगी और मैं उसे खा जाऊंगा तब शेर ने लोमड़ी से बात करने के लिए गर्जना की।
जैसी ही बड़ी आवाज से गर्जना की जंगल के सभी प्राणियों ने सुना। लोमड़ी तो चालाक होती है तुरंत ही समझ गई की गुफा में तो शेर है। तब लोमड़ी कहती है मैं इतने सालों से जंगल में रह रही हूं मगर मैंने कभी गुफा को बात करते नहीं सुना और इतना कहकर गुफा छोड़कर वहां से चली जाती है।
सिख: हमें कोई भी काम करने से पहले एक बार जरूर सोचना चाहिए हमारा शरीर वृद्ध हो तो भले हो पर हमारा दिमाग, हमारी सोच कभी वृद्धि नहीं होनी चाहिए वरना हम शेर की तरह भूखे ही रहेंगे। क्योंकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दुनिया में हमसे भी ज्यादा चालाक लोग रहते हैं और यह ना हो कि हम उसकी चालाकी का कभी भोग बन जाए।
और ज्यादा छोटी कहानियाँ पढ़ें –
- बच्चा पढ़ाई ना करे तो क्या 8 उपाय करें? Tips | Bachche padhai na kare to kya kare
- clever fox : चालाक लोमड़ी की कहानी (Chalak lomdi story in hindi)
- भारत में अंग्रेज कब आए और शासन काल की कहानी (Bharat me angrej kab aaye)
- भीष्म पितामह की सलाह और एक कहानी | Bhisham pitamah ki kahani
- 1 से 100 तक की गिनती सीखें | 1 to 10 Counts
2 thoughts on “शेर और लोमड़ी की कहानी | the lion and fox story in hindi”