Hindi Very Short Story |अपनी पहचान खुद बनाओ | how to find hindi very short story

मैंने आप लोगों के लिए एक छोटी कहानियों वाला एक ब्लॉग बनाया है जिसमें मैं आप लोगों के लिए रोजाना hindi very short story लेकर आने वाला हूं. कई लोग बोल रहे थे कि ऐसी कोई वेबसाइट बना दो जिसमें हिंदी शॉर्ट स्टोरी (hindi short story) को छोटे ढंग से बताया गया हो जो कि हमारे छोटे छोटे बच्चों के लिए काफी प्रेरणादायक हो और उनको जीवन में कुछ बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए एक मकसद मिल सके ।

इसलिए तो मैंने इस बात को को ध्यान में रखकर hindiveryshortstory.com blog को शुरू किया है आइए आज की कहानी के बारे में जानते हैं.

Hindi Very Short Story – चींटी की कहानी

एक चींटी की कहानी है (very short story moral) जो कि काफी हिम्मत वाली थी एक बार उससे भोजन में मिला तो वह दीवाल पर चढ़ने लगी क्योंकि दीवाल पर उसे भोजन की सुगंध मिल रही थी। जब भी वह दीवाल पर चढ़ने का प्रयत्न करती वह बार-बार नीचे गिर जाती थी। ऐसे में चिमटी की सहेली और चिमटे को बार-बार रोकने का प्रयास करती थी कि तुम मत जा मुझे चोट लग जाएगी। हम कहीं और से अपने भोजन का प्रबंध कर लेंगे ऐसा दूसरी चींटी पहले चींटी को बोलती थी।

लेकिन पहले बहुत हिम्मत वाली थी वह बार-बार दीवार पर से गिर रही थी लेकिन हार नहीं मानती थी, चिटी को चोट भी लग गई थी । लेकिन बहुत जोर से भूख लगने के कारण उससे रहा नहीं जाता था इसलिए वह बार-बार भोजन पाने का प्रयत्न कर रही थी।

दीवाल काफी फिनिश था इसलिए छोटी दीवाल पर चढ़ने पा रही थी खुरदरा दीवाल होता है तो चींटी या दूसरे छोटे जीव दीवारों पर काफी आसानी से चढ़ पाते हैं। करीब 20 बार दीवाल पर चढ़ने के बाद वह काफी थक गई तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया और वह दीवाल से काफी दूर चली गई फिर उसने कहीं से नींद का हल्का डंठल लेकर आई ।

और उसे दीवार पर लगा दिया फिर वह उस डंठल के सहारे दीवाल पर चढ़ गई और उसे भोजन वहां पर मिल गया दूसरी चीटियां भी उसी डंठल के सहारे दीवाल पर चढ़ गई और अपना भोजन लेकर नीचे उतरने लगी।

अगर हिम्मत हो तो काफी मुश्किल काम भी आसान हो जाता है और हम अपने समझदारी से दूसरों का भी काम आसान कर देते हैं इससे हमें काफी खुशी होती है।

Hindi Very Short Story – अकेले घर में बच्चे की कहानी

एक बच्चे की कहानी है (short story in hindi) जिसके माता-पिता उसे छोड़कर कहीं दूर किसी काम से चले जाते हैं और बच्चे को अकेले घर पर रहना पड़ता है बच्चे के माता-पिता को जरूरी काम आने के कारण यह बच्चे को नहीं ले गए और फोन करके अपने बच्चे का हाल चाल लेते रहते थे।

बच्चे के माता पिता ने बच्चे का खाने-पीने का पूरा व्यवस्था करने के बाद ही घर से निकले थे। बच्चे की उम्र करीब 10 साल होगी। बच्चा खाना खाने के बाद आराम से टीवी पर कार्टून देखता था। कार्टून देखते देखते उसने अपने टीवी का रिमोट लेकर चेंज किया न्यूज़ चैनल पर उस एरिया में आने वाले चोरों के बारे में जानकारी मिलेगी।

न्यूज़ चैनल पर News आ रहा था कि सोसाइटी में चोर आ चुके हैं जो कि बच्चों को चुराते हैं और घर के सामान भी चुरा ले जाते हैं। इस समाचार को सुनने के बाद काफी परेशान हो जाता है और वह अपनी मम्मी को फोन लगाता है। आने के बाद भी मम्मी का फोन नहीं उठता है तो बच्चा अपने घर के सभी दरवाजे को अंदर से बंद कर देता है लॉक कर देता है।

बच्चा छत पर चला जाता है

इसके बाद वह घर की दूसरी मंजिल पर पहुंच जाता है। कुछ देर के बाद उसको लगता है कि चोर नहीं आएंगे और वह सो जाता है। शाम हो जाती है दिन ढलने लगता है बच्चे को भूख लगती है और वह फ्री से खाना निकाल कर खाने लगता है।

उसी समय उसकी मम्मी का फोन आता है बच्चे की मम्मी भी न्यूज़ से परेशान रहती है और बच्चों को बताती है वीडियो गेम खेलने के बाद टीवी चैनल पर न्यूज़ के बारे में जानकारी देता है।

बच्चे की मम्मी बोलती है कि तुम अंदर ही रहना बाहर मत निकलना मैं सुबह ही आ जाऊंगी। बच्चा फोन रख देता है और फिर वह सोने के लिए चला जाता है बच्चे को नींद नहीं आती है तो वह छत की रूम की खिड़की से बाहर की तरफ झांकता है।

बच्चों को बाहर दो आदमी दिखाई देते हैं जो कि अजीब से लगते हैं बच्चे को शक होता है कि यही वह चोर है लेकिन ऐसा नहीं होता वह दोनों आदमी एक दूसरी गली में चले जाते हैं। बच्चा वाली खिड़की पर खाता है फिर दूसरी ओर से दो और आदमी आता हुआ दिखाई देता है।

चोर आए फिर बच्चे का खेल

यह वही चोर थे जिनकी खबर न्यूज़ चैनल पर आते थे। इन चोरों ने अपने मुंह को ढक लिया था उनके बदन पर काले कोट थे और उन्होंने नकाब लगा रखा था। यह वही चोर थे जिनके बारे में न्यूज़ चैनल पर बताया जा रहा था ।

और फोटो भी शेयर किए जा रही थी बच्चे ने न्यूज़ चैनल पर इन चोरों की फोटो देख ली थी और उसके बाद उसे समझ में आ गया कि यह वही चोर है जिनके बारे में न्यूज़ चैनल पर जानकारी दी जा रही थी।

बच्चे को ऐसा लगा कि यह चोर कहीं घर का दरवाजा ना तोड़ दे इसलिए बच्चे ने अपने kichen store room से तेल की बोतल उठा लिया और नीचे के कमरे में आकर अंदर और बाहर के दरवाजे के पास तेल के डिब्बे को खोलकर , डब्बे में से तेल नीचे गिरा कर पूरा फैला दिया।

बच्चे को लगा कि एक बोतल पर्याप्त नहीं है उसने दो-तीन बोतल की तेल दरवाजे के माध्यम से बाहर की दिशा में गिरा दिया जिससे घर पर चलने वाली सीढ़ियों पर पूरे तेल भी तेल हो चुके थे। अब बच्चा श्रेणी के माध्यम से छत पर पहुंच गया और खिड़की में से देखने लगा।

चोरों ने बच्चे को बाहर से देख लिया और घर के तरफ आने लगे और घर की सीढ़ियों पर चढ़ने लगे। लेकिन चोर घर के ऊपर चढ़ने लगे उनके पैर फिसल के और नीचे गिरने का प्रयास करते थे लेकिन बार-बार तेल की वजह से नीचे गिर पड़ते थे।

बच्चे ने पुलिस को जानकारी दी

बच्चे ने पुलिस को फोन करके इसकी जानकारी दीजिए उसके घर पर चोर आ गए हैं और उसे डर है कि वह उस बच्चे को चुरा लेंगे आप जल्दी से मेरे घर पर आ जाओ पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर ने बच्चे का घर का एड्रेस नोट किया। और गाड़ी लेकर बच्चे के घर की तरफ निकल गए।

चोर बार-बार गिरने की वजह से काफी थक गए थे लेकिन फिर भी उन्होंने जैसे तैसे दरवाजे पर आए और अपने डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल करके दरवाजे को खोल लिया बच्चे को डर लगा और वह छत के रूम में एक अलमारी में छुप गया।

चोर नीचे से ऊपर की छत की ओर जाने लगे और वे बच्चे को ढूंढने लगे लेकिन उनको बच्चा कहीं दिखाई नहीं दे रहा था तब तक ही सामने से पुलिस आ गई और पुलिस घर के अंदर चली गई। घर की हालत को देखकर पुलिस को अंदाजा लग गया था कि चोर अंदर आ चुके हैं और भी बच्चों को परेशान कर रहे हैं।

पुलिस ने चोर पकड़े और बच्चे को बचाया (very short story in hindi)

पुलिस सीढ़ियों के सहारे छत पर चले गए और वहां पर जाकर उन्होंने चोरों को पकड़ लिया पुलिस के द्वारा चोरों को पकड़े जाने के बाद बच्चा अलमारी के पीछे से निकलता है और पुलिस वालों को देखता है , पुलिस अधिकारी भी बच्चे को शाबाशी देता है और बच्चे के मां बाप के बारे में पूछता है फिर बच्चा उस पुलिस वाले को अपने मां बाप के बारे में जानकारी देता है और बताता है कि मां-बाप उसके जरूरी काम से बाहर गए हैं कल सुबह तक आएंगे।

दोनों पुलिसवाले आपस में बात करते हैं और उनमें से एक पुलिस ऑफिसर बच्चे के घर पर रुक जाता है दूसरा पुलिस ऑफिसर उन दोनों चोरों को लेकर चला जाता है। इस तरह से एक छोटे से बच्चे ने समझदारी का इस्तेमाल करके अपनी सेफ्टी की।

सुबह के समय बच्चे के माता-पिता आ जाते हैं बच्चे को माता-पिता के हवाले कर के चला जाता है। बच्चा घर में हुई सभी घटना के बारे में अपने मां-बाप को बताता है उसके मां-बाप भी चकित हो जाते हैं। और बच्चे को दोबारा छोड़ कर ना जाने का वादा करते हैं।

Hindi very short story- भेड़िया बना शेर

एक समय की बात है एक जंगल में एक भेड़िया था जोकि बहुत भूखा था जंगल में भोजन की तलाश में जाते-जाते उसे शेर दिखाई दिया जो कि अपना शिकार कर रहा था। भेड़ियों को बहुत भूख लगी तो उसने शेर से अपने लिए भोजन मांगा। शेर ने तुरंत मना कर दिया भेड़िया निराश होकर आगे बढ़ गया।

भेड़िया मन नहीं मन विचार करने लगा कि काश मैं भी जंगल का राजा होता तो सभी जानवर मेरे लिए भोजन का प्रबंध कर देते और मुझे जंगल में भटकना नहीं पड़ता ऐसे सोचते सोचते भेड़िया जंगल के बाहर एक नदी के किनारे पर पहुंच जाता है।

वहां पर वह नदी में पानी पीता है और फिर वापस अपने शिकार के लिए भटकने लगता है भटकते भटकते उससे एक जगह शेर की खाल दिखाई देती है।

भेड़िए को राजा बनने का ख्याल आया

शेर की खाल देखकर भाइयों को लगता है कि इस खाल को पहन कर वह भी शेर बन जाएगा जिसके बाद दूसरे जानवर भेड़िए के लिए भोजन का प्रबंध कर देंगे और भेड़ियों को कोई काम नहीं करना पड़ेगा।

फिर भेड़िए ने सोचा कि जंगल का राजा शेर अभी भी जंगल में है उसे पता चलेगा तो वह मुझे मार डालेगा ऐसे में भेड़िए ने शेर की खाल को पहनकर दूसरे जंगल में जाने का फैसला लिया। वह भेड़िया शेर की खाल पहन कर शेर जैसा दिखने लगा था।

भेड़िया दूसरे जंगल की दिशा में जाने लगा, जब भेड़िया दूसरे जंगल में पहुंचा तो वहां के जानवर भेड़िए को देखकर अपने जंगल का राजा समझने लगे थे और उससे डर कर भाग रहे थे। भेड़िए को लगा कि अपना काम हो गया है, और मैं इस जंगल का राजा हूं इसलिए सब मुझे देख कर भाग रहे हैं।

भेड़िए को शेर समझ कर दूसरे जानवर भागने लगे (very short story in hindi 2023)

हकीकत यह है कि उस जंगल में भी शेर राजा था लेकिन शेर कहीं दूर गया हुआ था और भेड़िए को राजा शेर की तरह देखकर जंगल के दूसरे जानवर भेड़िए को राजा समझ कर भाग रहे थे। दूसरे जानवर को लग रहा था कि जंगल का राजा शेर वापस आ गया है अब उससे भोजन देना पड़ेगा।

वहीं पर एक गीदड़ आकर उस भेड़िए को जो राजा बना था कुछ भोजन देने लगता है और उसकी चापलूसी करने लगता है वह गीदड़ भेड़िए कोई शेर समझकर जंगल के बारे में सभी जानकारी देने लगता है तभी भेड़िये को पता चलता है कि जंगल का राजा शेर कहीं बाहर गया है।

भेड़िया, दूसरे जानवरों के द्वारा भागे जाने से और गीदड़ को भेड़िए के बारे में चापलूसी करने से भेड़िया खुद को जंगल का राजा समझ रहा था। अब भेड़िया भूल गया था कि जंगल का राजा शेर कहीं बाहर गया है और वह वापस भी आएगा।

जंगल का राजा शेर वापस आना

इधर दो-तीन दिन के बाद उस जंगल का राजा शेर वापस आता है, और भेड़िए को देखकर शेर को लगता है कि कोई दूसरा से उसके जंगल में आ चुका है। जंगल के दूसरे जानवर इस शेर को इतना भाव नहीं देते थे उनको लगता था कि यह कोई बाहरी शेर है जो कि इस जंगल में आ रहा है।

उसी दिन शाम को दूसरे जंगल में भेड़ियों का एक समूह जा रहा था जिसमें भेड़िए जोर जोर से चिल्ला रहे थे ऐसे में शेर की खाल को पहनकर इस जंगल का भेड़िया बना शेर भी चिल्लाने लगा और वह भेड़ियों के जैसा आवाज निकालने लगा।

जंगल का राजा शेर पूरी घटना को समझ चुका था अब वह भेड़िए के ऊपर तेजी से झपटा मारा ,भेड़िया शेर की खाल निकालकर जैसे – तैसे जान बचाकर भागा, दूसरे जानवर इस घटना को देख रहे थे उनको समझ में आ गया था कि हमने अपने राजा के साथ नाइंसाफी की है, दूसरे जानवर शेर से माफी मांगने लगे, क्योंकि शेर भी धोखा खा चुका था इसलिए उसने दूसरे जानवर को भी छोड़ दिया, अब हर दिन दूसरे जानवर जंगल के राजा शेर के लिए भोजन का प्रबंध करते थे।

उधर भेड़िया अपने झुंड के भेड़ियों के साथ पहुंच गया। और उसने इस घटना का जिक्र अपने दूसरे भेड़ियों के साथ किया। भेड़ियों के सरदार ने इस भेड़िए को सजा का प्रावधान भी दिया। भेड़िए को अपने किए गए कर्म पर अफसोस हो रहा था और वह मन ही मन खुद को कोस रहा था उसे भेड़ियों ने अपने ग्रुप से निकाल दिया था। फिर से अपने लिए भोजन की तलाश में भटकने लगा था।

हमें हमारी खुद की पहचान बनानी चाहिए

कभी भी किसी की नकल नहीं करनी चाहिए बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता है इसलिए मेहनत करो और खुद की पहचान बनाओ दूसरे की कॉपी करने से हमें पहचान नहीं मिलती और जब दूसरे लोगों को हमारे बारे में जानकारी मिलती है तो हमारी बदनामी भी होती है। इसलिए हमें हमारी खुद की पहचान बनानी चाहिए हम जैसे भी हैं अच्छे होते हैं हम मेहनत करके अपने लिए सब कुछ हासिल कर सकते हैं।

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