प्यासे कौवे की कहानी हिंदी में (the story of thirsty crow in hindi)

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प्यासा कौवा (PYASA KAUWA) – एक बार एक प्यासा कौवा उड़ते हुए अपने गांव और राज्य से दूर चला गया दूसरे राज्य में .  बहुत लंबा सफर तय करने के बाद कौवे को बहुत प्यास लगी .  लेकिन उसे कहीं भी कुछ खाने और पीने का समान नहीं दिखता था थक हार कर वह एक जगह पेड़ के नीचे बैठ गया. 

 कौवा का गला पानी के मारे सूखा जा रहा था जिस वृक्ष के नीचे वह बैठा था उस वृक्ष पर कोई फल भी नहीं लगे थे कौवा सोचने लगा इतनी गर्मी में बिना खाए पिए कैसे रहा जा सकता है। प्यासे कौवे की कहानी (pyase kawe ki kahani)

story of the thirsty crow in hindi - प्यासे कौवे की कहानी हिंदी में

story of the thirsty crow in hindi-  कौवा पूरा थक चुका था उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था दूर-दूर तक ना कुछ खाने की वस्तु दिखाई दे रही थी ना ही पीने की और वह अपने गांव को छोड़कर इतना दूर निकल गया था कि उससे आस-पास में कोई दूसरे जानवर ना ही कोई गांव दिखाई देता था। 

 लेकिन कौवा चालाक था वह ऐसे हिम्मत नहीं हारने वाला था सुबह उठकर पूरब की दिशा में गया वहां पर उससे एक झोपड़ी दिखाई दी तो वे के मन में थोड़ी सी आप जो भी के अब तो कुछ खाने पीने को मिली सकता है लेकिन जब कौवा झोपड़ी के पास पहुंचा तो देखकर दंग रह गया। 

Story of the thirsty crow in hindi | pyasa kauwa kahani hindi | प्यासा कौवा की स्टोरी 

 उस प्यासा कौवे (thirsty crow) को जब वहां पर भी कुछ नहीं मिला तब वह पूरी तरीके से थक गया और वहीं पर बगल में एक पेड़ के नीचे बैठ गया उस पेड़ के दूसरे छोर पर जब उसने नजर घुमाई तो उसे एक सुराही दिखाई दी कौवे को लगा की सुराही में उसे पानी मिलेगा। ये भी जानिए – गरीब को अमीर बनाने वाली कहानी जरूर पढ़ें

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 जब कौवा सुराही के पास गया और अपनी चोंच डालकर पानी पीने की कोशिश की है लेकिन उसे उस सुराही में कोई भी पानी नहीं मिला । उसने देखा कि सुराही में बहुत कम पानी है और वहां तक उसका चोंच नहीं पहुंच सकता अगर उसे पानी पीना है और जीवित रहना है तो कुछ करना पड़ेगा। 

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कुछ देर सोचने और विचारने के बाद कौवे के दिमाग में एक आइडिया आया और कवि ने सोचा कि अगर  मैं कुछ कंकड़ पत्थर इस सुराही में डाल दूं तो सुराही का पानी ऊपर आ जाएगा जिससे मैं अपनी प्यास बुझा सकता हूं कौवा  अपने अगल-बगल से पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े सुराही में डालने लगा जिससे पानी थोड़ा ऊपर आता। 

 लेकिन अगले ही पल सुराही का पानी फिर से नीचे चला जाता फिर कौवा और पत्थर के टुकड़े उस सुराही में डालने लगा ऐसा करते-करते कौवा बहुत थक गया , फिर भी सुराही का पानी कितना ऊपर नहीं आया था जिससे कि कौवा  अपनी चोंच डालकर पानी पीकर अपनी प्यास बुझा सके। 

प्यासे कौवे की कहानी आपको सफल बना सकती है (pyasa kauwa ki kahani )

कौवा बहुत ही ज्यादा उदास हो गया और अब उसे यह लगने लगा कि उसे पानी नहीं मिलेगा और इस कड़क गर्मी में उसकी जान चली जाएगी लेकिन सर्वे ने फिर से एक बार कोशिश की और कुछ कंकड़ पत्थर फिर उस सुराही में डालना शुरू किया और तब तक उस सुराही में कंकड़ पत्थर डालने लगा , जब तक की सुराही का पानी ऊपर तक ना आ जाए। 

 कौवे ने पूरी कोशिश से सुराही में पत्थर डाला और देखते-देखते सुराही का पानी ऊपर आ गया तो कौवे ने थोड़े पत्थर और डाले , पानी पूरा ऊपर तक आ चुका था कौवे ने पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई। 

इस तरह से एक प्यासा कौवा अपने सूझबूझ और चालाकी से ऐसे जगह भी पानी पी सके जहां पर उसे पानी ना मिलने की उम्मीद थी देखा जाए तो कौवे को एक सुराही मिली उसने भी बहुत कम पानी था लेकिन कौवे को जीवित रहने के लिए पानी पीना था । 

कोवे ने अपने मन और दिमाग का इस्तेमाल करके सुराही को पानी को ऊपर लाया और अपने गले की प्यास बुझाई। 

इस story of the thirsty crow in hindi कहानी से क्या शिक्षा मिलती है- 

प्यासा कौवा (thirsty crow story) की कहानी हिन्दी में – इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें बुरे समय में भी धैर्य से काम लेना चाहिए और कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए हार मान लेना आपको जीवन में हताश कर देगा लेकिन यदि आप हिम्मत से काम ले और कोशिश करते रहे तो और सफल काम भी सफल बन जाता है और अब सफल बन जाते हैं। 

कौवा चाहता तो उस सुराही को छोड़कर दूसरे जगह जा सकता था लेकिन उसने हालत नहीं दिखाई उसने परिश्रम किया और अपने गले की प्यास बुझाई इस तरह से आपको भी अपने जीवन में परिश्रम से भागना नहीं चाहिए और जिस काम में तरक्की और सफलता पाना चाहते हैं उस काम में बार-बार असफल होने पर भी कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए। 

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